"उच्च तकनीकि कृषि वानिकी से आय वर्धन " पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम (17 से 19 अक्टूबर, 2022 तक)
"उच्च तकनीकि कृषि वानिकी से आय वर्धन " पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई ...
“फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट (एफआरआई), देहरादून” की जड़ें भूतपूर्व इंपीरियल फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट में 1906 में स्थापित की गईं ताकि देश में वानिकी अनुसंधान का नियोजन और नेतृत्व किया जा सके। इसका इतिहास न केवल भारत में बल्कि पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में वैज्ञानिक वानिकी के उन्नति और विकास का पर्याय है। संस्थान ने देश में वन अधिकारी और वन रेंजर को प्रशिक्षण दिया और आजादी के बाद इसे वन अनुसंधान संस्थान और कॉलेजों के नाम से जाना जाने लगा। 1988 में एफआरआई और उसके शोध केंद्रों को भारतीय वन पर्यावरण मंत्रालय के तहत लाया गया | यह भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद्, (जो राष्ट्रीय वानिकी अनुसंधान तंत्र में एक शीर्ष संस्था है) के अंतर्गत एक प्रमुख संस्थान है। इसकी शैली ग्रीक-रोमन वास्तुकला है और इसके मुख्य भवन को राष्ट्रीय विरासत घोषित किया जा चुका है। इसका उद्घाटन 1929 में किया गया था और यह वन से संबंधित हर प्रकार के अनुसंधान के लिए विश्व में प्रसिद्ध है।
निदेशक, वन अनुसंधान संस्थान
और
कुलपति, वन अनुसंधान संस्थान सम विश्वविद्यालय
वन अनुसंधान संस्थान देहरादून
उत्तराखंड, भारत – 248001
फोन: +91 135275267
फैक्स: + 91-2756865
वेब प्रबंधक: वन अनुसंधान संस्थान
ई-मेल: head_fi@icfre.org