ICFRE-वन अनुसंधान संस्थान ने 8 अक्टूबर 2025 को अपनी वार्षिक 31वीं अनुसंधान सलाहकार समूह बैठक का आयोजन किया। इस बैठक की शुरुआत श्री डी.पी.खाली, समूह समन्वयक (अनुसंधान) के स्वागत भाषण से हुई। अपने उद्घाटन भाषण में वन अनुसंधान संस्थान की निदेशक डॉ.रेनू सिंह ने जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता संरक्षण और सतत् वन प्रबंधन जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के महत्व के बारे में सभा को बताया एवं साथ ही में उन्होनें वन अनुसंधान संस्थान की वनों की आवश्यकताओं को पूरा करने में भूमिका पर भी प्रकाश डाला। अपने भाषण में हरियाणा वन विभाग के सेवानिवृत्त HOFF & PCCF श्री जगदीश चंदर ने वनों में AI के उपयोग के महत्व पर जोर दिया। इस बैठक में विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ वन अधिकारी, गणमान्य व्यक्ति, वैज्ञानिकगण, विभिन्न संगठनों के शोधकर्ता और अन्य हितधारकों ने भाग लिया।
यह फोरम देश की वानिकी और अनुसंधान आवश्यकताओं, जलवायु परिवर्तन, पुनःवनरोपण प्रयासों और जैव विविधता संरक्षण पर खुले संवाद के लिए एक सामान्य मंच प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। बैठक को चार तकनीकी सत्रों में विभाजित किया गया था: प्रत्येक सत्र को ICFRE के जनादेश के अनुसार चार प्रमुख क्षेत्रों में से एक को समर्पित किया गया था। संबंधित परियोजना अन्वेषकों (PIs) द्वारा कुल सोलह नए परियोजना प्रस्ताव सभा के सामने प्रस्तुत किए गए। इन परियोजना प्रस्तावों का विभिन्न तकनीकी मानदंडों के आधार पर विशेषज्ञों द्वारा मूल्यांकन किया गया, PIs से उनके अनुसंधान परियोजना के विभिन्न पहलुओं और व्यवहार्यता पर प्रश्न पूछे गए। संवादात्मक सत्र का समापन डॉ.तारा चंद, वैज्ञानिक ‘ई’, द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया।






