हाल ही में वन संरक्षण डिवीजन, FRI, देहरादून द्वारा 30 जनवरी 2025 को ‘वन की कीट विज्ञान और रोग विज्ञान में हालिया प्रगति’ पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम सुबह 10:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक हुआ। डॉ. अरुण प्रताप सिंह, प्रमुख, वन संरक्षण डिवीजन ने सभी प्रतिभागियों और प्रतिनिधियों का स्वागत किया। डॉ. रेनु सिंह, IFS, निदेशक, ICFRE- FRI, देहरादून ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया और वन को जैविक और अजैविक तत्वों से बचाने के लिए नवोन्मेषी प्रौद्योगिकियों के महत्व पर जोर दिया। आमंत्रित वक्ताओं ने इस कार्यक्रम के दौरान अपनी नई और महत्वपूर्ण अनुसंधान प्रस्तुत की। पहले वक्ता, डॉ. नवनीत सिंह, वैज्ञानिक ई, ZSI, कोलकाता ने ‘भारतीय हिमालय क्षेत्र में पतंगों (Lepidoptera) द्वारा पराग का प्रसारण’ विषय पर चर्चा की। उन्होंने मच्छरों द्वारा परागण के बारे में दिलचस्प जानकारी दी और इनके संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया। दूसरे वक्ता, डॉ. मनीका तोमर, वरिष्ठ पौध रोगविज्ञानी, डॉ. YS परमार विश्वविद्यालय, सोलन ने ‘वन और बागवानी फसलों में रोग प्रबंधन की समाकलित रणनीतियाँ’ पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि IDM का सामंजस्यपूर्ण दृष्टिकोण बागवानी फसलों और वन वृक्षों की सुरक्षा के लिए जरूरी है। इस वेबिनार में वन संरक्षण डिवीजन, FRI, देहरादून के सभी वैज्ञानिक उपस्थित थे। आमंत्रित वक्ताओं द्वारा की गई चर्चाओं ने हमें वन की कीट विज्ञान और रोग विज्ञान में हालिया प्रगति के बारे में जानकारियाँ दीं और इसके वन पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन में प्रयोग के अवसरों के बारे में भी बताया, जिससे स्थिरता प्राप्त करने के लिए नए रास्ते खोले गए।