अधिदेश
प्रभाग का अधिदेश/शासनादेश
प्रभाग वन पारिस्थितिकी तंत्र, जैव विविधता संरक्षण, पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं, पुनर्वास और परेशान भूमि, आर्द्रभूमि, कार्बन, जल और ऊर्जा बजट और वनस्पति के माध्यम से प्रदूषण की कमी और जलवायु परिवर्तन और जल विज्ञान संबंधी अध्ययनों की संरचना और क्रियान्वयन पर बहुआयामी अनुसंधान को लागू कर रहा है।
उद्देश्य:
- पुनरोत्पादन के संबध में वन पारितंत्रों की बनावट तथा कार्य।
- प्राकृृतिक तथा रोपित पारितंत्रों का जैवविविधता आंकलन।
- निम्नीकृृत वनों, खनित भूमि भू-अपरदन तथा सीमांत भूमि को मिलाकर निम्नीकृृत क्षेत्रों के पारि-पुनरस्थापन की अन्वेषण तकनीकियां।
- संसाधन संरक्षण में वनों की भूमिका।
- वनों की पारितंत्रीय सेवाएं।
- पर्यावरणीय प्रबंधन।
- वन एवं जैवविविधता पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव तथा वानिकी कार्यकलापों के जरिए न्यूनीकरण।
- मौसम विज्ञान संबंधी आंकड़ों का अनुरक्षण तथा रिकाॅर्डिग।
- ओ.टी.सी. विधी द्वारा कार्बनडाई आक्साइड एवं तापमान की मात्रा बढ़ाकर पौधों की विभिन्न प्रजातियों की प्रतिक्रिया का पता लगाना।
- कार्बन, पानी और उर्जा बजट
- हिमालयी पारिस्थितिकी प्रणालियों में पौधे के कार्यात्मक क्षेत्रों के लक्षण वर्णन
कार्यकलाप
राज्य वन विभाग, स्थानीय हितधारकों, उद्योगों, गैर-सरकारी अनुसंधान-संगठनों तथा समुदायों के सक्रिय सहयोग से वन पारिस्थितिकी, पर्यावरण तथा जलवायु परिवर्तन, निम्नीकृृत वनों का पुनर्वास, खनित भूमि, भू-अपरदन या अन्य निम्नीकृृत भूमि, नमभूमि, जैव-विविधता संरक्षण, पर्यावरणीय प्रबंधन तथा प्रदूषण में कमी के क्षेत्र में प्रयुक्त तथा मौलिक खोज।