परिचय:
पारि-पुनर्स्थापन वन अनुसंधान केंद्र, प्रयागराज, वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून के अधीन कार्यरत इकाई है। इसकी स्थापना वर्ष 1992 में की गयी थी। यह केन्द्र पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली के अधीन गठित स्वायत्त संस्था, भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद् , देहरादून के अधीन है। इस केन्द्र का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश राज्य में कृषि वानिकी और पारि-पुर्नस्थापन के क्षेत्र में पेशेवर उत्कृष्टता का विकास करना है।
मुख्य उद्देश्य:
- ख़राब पारिस्थितिकी तंत्र और कठिन/तनावग्रस्त स्थलों के पुनर्वास और कृषि-वानिकी को बढ़ावा देने पर केंद्रित अनुसंधान करना।
- वन संसाधनों के संरक्षण और सतत उपयोग के लिए उपयोगकर्ता समूहों तक उपलब्ध प्रौद्योगिकियों/प्रक्रियाओं/उपकरणों का प्रसार करना।
- अनुसंधान शिक्षा और क्षेत्राधिकार के क्षेत्र में विस्तार में अग्रणी संस्थान का समर्थन करना।
गतिविधियांः
- भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद् , देहरादून तथा वाह्य संस्थानों द्वारा वित पोषित अनुसंधान परियोजनाओं का क्रियान्वयन
- वानिकी की विभिन्न विधाओं पर नवीनतम तकनीको का कृषको तथा विभिन्न प्रशिक्षण समूहों यथा-वन विभाग, गैर सरकारी संस्थाएं, विद्यार्थीगण हेतु प्रशिक्षण तथा प्रदर्शन कार्यक्रम, किसान मेला, गोष्ठियां , सेमिनार बैठक तथा प्रदर्शनी आदि के माध्यम से क्षेत्र विषेश में प्रचार एवं प्रसार।
वर्तमान अनुसंधान परियोजनाय | ||||||
क्र. सं. | परियोजना का नाम | परियोजना प्रभारी का नाम | पद | परियोजना की अवधि | परियोजना के सदस्यों का नाम | निधीयन एजेंसी |
1. | असेस्मेंट ऑफ सूटेबल क्लोन्स ऑफ यूकेलिप्टस फॉर प्रमोशन ऑफ एग्रो फोरेस्टरी इन ईस्टर्न यू.पी. | डॉ. अनुभा श्रीवास्तव | वैज्ञानिक-डी | 2016-2019 | डॉ. अनीता तोमर, डॉ. अनुभा श्रीवास्तव | भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद |
2. | डेवेलपमेंट ऑफ मेलिना अर्बोरिया एण्ड एम्बलिका आॅफिसनलीज बैस्ड एग्रोफारेस्ट्री माॅडल ऑन डिग्रेडेड लैण्ड्स इन उत्तराखण्ड एण्ड उत्तर प्रदेश
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डॉ. अनुभा श्रीवास्तव | वैज्ञानिक-डी | 2017-2020 | भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद | |
3. | पाॅपलर बेस्ड एग्रो फाॅरेस्ट्री इन ईस्टर्न उत्तर प्रदेश | डॉ. अनीता तोमर | वैज्ञानिक-एफ | 2017-2020 | उत्तर प्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद, लखनऊ | |
4. | इंट्रोडक्शन ऑफ एग्रो फोरेस्टरी टेक्नोलोजिस इन ईस्टर्न प्लेन रीजन ऑफ उत्तर प्रदेश फॉर डेवेलपमेंट एंड सस्टेनेबिलिटी | डॉ. अनुभा श्रीवास्तव | वैज्ञानिक-डी | 2018-2021 | उत्तर प्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद, लखनऊ | |
5. | हाइ डेंसिटी प्लांटेशन मेनेज्मेंट फॉर असेस्मेंट ऑफ वुड प्रॉपर्टीज़ ऑफ कोप्पिकेड मटेरियल (पार्ट प्रोजेक्ट ऑफ एफ़आरआई, देहरादून) | डॉ. अनीता तोमर | वैज्ञानिक-एफ | 2018-2021 | भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद | |
6. | ऑल इंडिया कोर्डिनेटेड प्रोजेक्ट फॉर जिनैटिक इंप्रूवमेंट ऑफ मेलियकोंपोसिता वाइल्ड | डॉ. कुमुद दूबे | वैज्ञानिक-ई | 2018-2022 | भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद | |
पूर्ण प्रोजेक्ट | ||||||
1. | इवैलुएषन ऑफ इंडीजीनस ट्री स्पेषीज फार रिक्लेमेषन ऑफ साल्ट अफेक्टेड लैण्ड्स इन एग्रो-क्लाइमेटिक जोन्स ऑफ ईस्टर्न यू.पी. | श्री आलोक यादव | वैज्ञानिक-ई | 2017-2020 | डॉ. अनीता तोमर, डॉ. अनुभा श्रीवास्तव | भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद |
2. | सोसियो इकोनोमिक इम्पैक्ट स्टडी ऑन माइनिंग एण्ड माइनिंग पोलिषीज ऑन लाइवलीहूड्स ऑफ लोकल पाॅपुलेषन इन विन्ध्यन रीजन ऑफ यू.पी. | डॉ. कुमुद दुबे | वैज्ञानिक-ई | 2017 में पूर्ण | डॉ. अनुभा श्रीवास्तव | नीति आयोग |
3. | डेवेलपमेन्ट ऑफ मीलिया डूबिया बेस्ड एग्रोफारेस्ट्री सिस्टम फाॅर डिफरेन्ट एग्रोक्लाइमेटिक जोन्स ऑर ईस्टर्न उत्तर प्रदेष | डॉ. कुमुद दूबे | वैज्ञानिक-ई | समापन अप्रैल 2017 | डॉ. अनुभा श्रीवास्तव | यू.पी.सी.ए.आर. |
4. | रेस्टोरेषन ऑफ सैण्ड स्टोन माइनिंग एरिया ऑफ विन्ध्यन रीजन थ्रू माइक्रोबायल टेक्नोलाॅजी | डॉ. कुमुद दुबे | वैज्ञानिक-ई | मार्च 2017 में पूर्ण | – | भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद |
अन्य कार्यक्रम/गतिविधियां-
- वनिकी आधारित प्रतियोगिताओं का आयोजन
- वन महोत्सव
- लघु प्रशिक्षण/ औद्योगिक प्रशिक्षण
- लघु परियोजनाओं का क्रियान्वयन
- सेमिनार/गोष्ठी में सहभागिता
कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी
क्र.सं. | नाम | पद | तस्वीर | टेलीफोन संख्या | ई-मेल |
1. | डॉ. संजय सिंह | प्रमुख और वैज्ञानिक-जी | +91-9430366286 | dir_csfer@icfre.org | |
2. | डॉ. कुमुद दूबे | वैज्ञानिक-ई | +91-9415214010 | dkumud_csfer@icfre.org | |
3. | डॉ.अनीता तोमर | वैज्ञानिक-एफ | +91-8052298888 | anitatomar@icfre.org | |
5. | डॉ. आलोक यादव | वैज्ञानिक-ई | +91-9411166881 | yadava@icfre.org | |
6. | डॉ. अनुभा श्रीवास्तव | वैज्ञानिक-डी | +91-9451180868 | anubhasri_csfer@icfre.org | |
8. | डॉ. एस. डी. शुक्ला | वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी | +91-9454909090 | shuklasd_csfer@icfre.org | |
10. | श्री हरीश कुमार | अवर श्रेणी लिपिक | +91-8949743752 | harish@icfre.org |
उपलब्ध सुविधायेंः
केंद्रीय पौधशाला
केन्द्र की अनुसंधान पौधशाला सोरांव तहसील के पड़िला ग्राम में एक हेक्टेअर क्षेत्र में स्थित है। इस पौधशाला में केन्द्र द्वारा ली गयी विभिन्न परियोजनाओं में नर्सरी कार्य किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त यहां कई वानिकी एवं बागवानी प्रजातियों जैसे-शीशम, बबूल, सागौन, खैर, यूकेलिप्टस, करंज, पॉपुलर आदि के उन्नत पौधे तैयार किये जाते हैं जो आम जनता को उचित मूल्य पर उपलब्ध कराये जाते है।
नर्सरी में औषधीय पौधों की एक पौधषाला भी विकसित की गयी है। इसके साथ ही औषधीय पौधों के प्रति जनजागरण हेतु बीज एवं पौधा वितरण की व्यवस्था है। पौधषाला में पॉपुलर के अच्छे क्लोन उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त सफेदा एवं सागौन की भी अच्छी पौध उपलब्ध है। यहां पर कुछ विलुप्त होती प्रजातियां जैसे आमरा, बड़हल तथा पादल आदि के पौध भी उपलब्ध हैं।
पुस्तकालयः
वानिकी व सम्बन्धित विशयों पर पुस्तकों, जर्नल्स एवं रिपोर्ट्स का केन्द्र में अनूठा संग्रह है। वाह्य संस्थाओं हेतु भी अध्ययन सुविधा उपलब्ध है।
वानिकी प्रशिक्षण एवं विस्तार कार्यक्रमः
वानिकी सम्बन्धी विशयों पर प्रशिक्षण एवं कन्सल्टैन्सी की सुविधा भी योग्य प्रषिक्षकों द्वारा उपलब्ध है। वन विज्ञान केन्द्र एवं प्रदर्ष ग्राम का कार्य भी किया जा रहा है। इस केन्द्र द्वारा आम जनता में वानिकी के प्रति चेतना जागृत करने हेतु प्रशिक्षण एवं कार्यषालाएं आयोजित की जाती हैं। इसके अतिरिक्त विद्यार्थियों के लिए प्रतियोगी कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है।
सम्पर्क-
निदेशक
पारि-पुनर्स्थापन वन अनुसंधान केंद्र
(भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद्)
3/1, लाजपत राय रोड, नया कटरा, इलाहाबाद-211002
भारत
फोनः 0532-2440796
फैक्सः 0532-2440795